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जंग

Manisha Singh Raghav
Manisha Singh Raghav
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भाइयो और बहिनों ,
जब जब पाक या चीन ने कोई दुस्साहस किया है तब तब जनता और अख़बार वालों की यही प्रतिक्रिया मिली है कि —
भारत को ईट का जबाब पत्थर से देना चाहिए ।
भारत को चीन या पाक की हरकतों का मुँह तोड़ जबाब देना चाहिए ।
हमें पाक को सबक सिखाना चाहिए ।
पर भाइयो और बहिनों हमारी सरकार की सदा यही कोशिश रहती है कि जो बात प्यार या शांति से बात करके सुलझ सकती है उसका जबाब लड़ाई या बदला लेकर क्यूँ चुकाया जाए ? लेकिन अज्ञानी लोग सरकार को ही कोसते हैं और सरकार को सोयी और निकम्मी सरकार की उपाधि देते हैं तो हैं पर कोई इन अज्ञानियों को समझाये कि हमारे देश के सेना के जवान सिर्फ तभी जंग नहीं लड़ते जब लड़ाई होती है । —-
दोस्तों मेरी बात गौर से सुनना , कुछ अज्ञानियों का है ये कहना
निकम्मी अपनी है सरकार , दुश्मन से बदला नहीं लेती है ये यार
कोई इन अज्ञानियों को समझाये , जम्मू कश्मीर , नागालैंड इन्हें लेकर आये
जहाँ हजारों सैनिक जख्मी होते रहते , देशद्रोही , आतंकियों से लड़ते रहते

उनके परिवार गम के आँसूं पीते , दिन रात ये डर डर के रहते
अपनों की याद हरदम सताती , इन्हें नींद नहीं रातों को आती
बेटा सरहद पे है लड़ता , इनका परिवार चिंता में पिसता
शायद जंग इसी को कहते , युद्ध को सिर्फ जंग नहीं कहते
आइये अब हम आपको सियाचिन की सैर कराते हैं और वहाँ के सैनिकों का हाल सुनाते हैं ———
अब हम आपको सियाचिन लेकर हैं चलते , बर्फ से ढके यहाँ पर्वत , नदियाँ रहते
यहाँ का तापमान (-)४० डिग्री सेल्सियस है रहता , हमारा सैनिक यहाँ निरंतर रहता
दुश्मन की गोली वह सीने पर खाता , साठ प्रतिशत सर्दी का शिकार वह हो जाता
कोई अपने हाथ ,पैर गंवाता ,और कोई अपाहिज हो जाता

यहाँ दुश्मन की दूरी बस है इतनी , एक आँख से दूसरी आँख जितनी
मात्रभूमि के लिए मुसीबत हँसकर सहते , कभी नहीं कोई शिकवा करते
फिर भी हम है यह कहते , युद्ध नहीं क्यों तुम हो करते
बिना युद्ध के अमन फैलाओ , बातचीत से मसले सुलझाओ
युद्ध करके नहीं किसी को कुछ मिलता , जान माल का नुकसान सदा है रहता
माँ से उसका लाल बिछड़ता , परिवार खून के आँसू रोता
जिन्दगी भर दुःख इनको होता , घर में इनके सन्नाटा होता

नहीं दर्द कोई इनका जाने , जनता इनको कुछ दिन मानें
भूल सभी फिर हैं जाते , अपनी रोजी रोटी में मदमाते
साल में एक बार याद सबको इनकी आती , बाद में याद गुम हो जाती
इसलिए कहती हूँ मैं भाई , सिर्फ युद्ध को जंग नहीं कहते भाई

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