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देश जाये भाड़ में कुर्सी हो हाथ में

Manisha Singh Raghav
Manisha Singh Raghav
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राजनीति गंदी होती है पर इतनी गंदी होती है यह तो किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा . अपने देश में इतनी गंदी राजनीति हो रही है वह भी अपने देश की इज्जत को ताक में रखकर . आजतक तो नेताओं को वोट के चक्कर में मतलबपरस्त कुर्सी के लिए ” सब कुछ जायज है वाली ” नीति को अपनाते हुए देखा लेकिन अपने स्वार्थ के लिए देश की इज्जत संसार में इस कद्र उछालेंगें , यह बहुत ही गम्भीर मुद्दा है . जी हाँ मैं बात कर रही हूँ ”उन भारतीय सांसदों की जिन्होंने बिना सोचे समझे अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को नरेंद्र मोदी को बीजा न देने के लिए फैक्स कर दिया ”. और सबसे बड़ी कमाल की बात तो यह है कि इस बात का खुलासा होने पर भी इन गद्दार नेताओं के खिलाफ कोई सख्त कार्यवाही नहीं हुई .
कभी हमारे देश के नेता देशभक्ति की मिसाल दिए जाते थे और बच्चों से कहा जाता था कि इस देश की जिम्मेदारी तुम्हारे कंधों पर है तुम ही कल के इस देश के नेता हो . पर इस शर्मनाक गंदी राजनीति को देखकर क्या कोई माता , पिता अपने बच्चे को नेता बनाना पसंद करेंगें ?. पहले नेता बनना बहुत ही गर्व की बात होती थी , नेता बनना मतलब देश की सेवा करना . लेकिन अब तो इसका अर्थ ही बदल गया है आजकल नेता बनने का मतलब अपनी जेब भरना . जिन सांसदों ने यह नीच हरकत की वे कम से कम एक बार इतिहास उठाकर तो देख लेते . ये ही अंग्रेज थे जिन्होंने भारत के राजाओं में फूट डालकर शासन किया था और उनकी नीति हमेशा यही रही फूट डालो और भारतीयों पर राज करो . यह अनेकता का संदेश हमारे भारतीय सांसदों ने सारे संसार को दे दिया . पार्टियाँ तो एक दूसरे के खिलाफ सत्ता में आने के लिए खड़ी रहती हैं इसका मतलब यह नहीं तुम दूसरे देशों को दिखा दो कि हम एक नहीं .
मुझे आजतक यह समझ में नहीं आया कि हर कोई भारतीय देश से प्यार करने का दम भरता है असल में किसे देश से असली प्यार है ? जनता को , देश चलाने वाले राजनेताओं को . अगर हम जनता की बात करें — तो अभी तक मैं यह देख रही हूँ कि नेताओं के खाने पीने या भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर जनता अभी तक चुप बैठी तमाशा देख रही है यह मुझे समझ आ रहा पर इन गद्दार नेताओं द्वारा इतना बड़ा शर्मनाक कदम उठाने पर आखिर जनता चुप कैसे बैठ गयी ? कभी छोटी छोटी चीजों के विरोध में तनकर खड़ी हो जाती है , आन्दोलन करती है ,प्राइवेट,सरकारी वाहनों को जला देती है , भारत बंद करवा देती है . अब यही सवाल मैं जनता से करती हूँ अगर उन्हें देश से इतना ही प्यार है तो इन गद्दार भारतीय सांसदों के खिलाफ उसका खून क्यों नहीं उबला ?मीडिया भी एक आध दिन बोलकर चुप बैठ गयी . पाँच रूपये वाली थाली के पीछे तो आज तक पड़ी हुई है . क्या उसे भी देश की इज्जत से कोई मतलब नहीं रहा ? उसने इन भारतीय सांसदों के खिलाफ कार्यवाही की कोई माँग क्यों नहीं की ?
” राष्ट्रीय तिरंगे का अपमान हुआ , फलां नेता राष्ट्रीय गान के वक्त खड़ा नहीं हुआ , तिरंगे को उल्टा लटका दिया ”. जैसी तुच्छ चीजों से तो देश का अपमान हो जाता है और इसकी तरफ हम ध्यान देने लगते हैं पर जिनके ऊपर पूरा देश टिका हुआ है वही अपने देश की इज्जत से खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं फिर भी हम चुप हैं अच्छे देशभक्त हैं हम सभी . इन नेताओं की वजह से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश चला गया है कि अब भारतीय सांसदों में अनेकता धीरे धीरे पैर पसारने लगी है कोई आश्चर्य नहीं होगा अगर इतिहास फिर अपनेआप को दोहरा दे . दिन रात देश के सैनिक सीमा पर अपने देश की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं और ये देश के नेता अपने देश की इज्जत से खेल रहे हैं और संसार को गलत संदेश दे रहे हैं . अब कोई इन राजनेताओं से पूँछे कि देश बड़ा है या

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