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आरक्षण में प्रमोशन का मुद्दा कोई नया नहीं है पर इस विषय पर कुछ लिखने से पहले आप सभी को सच का आईना दिखाती हूँ .
१- मेरी भाभी उम्र ४५ साल घुटने के दर्द और कूल्हे के दर्द से परेशान जब ड़ा . को दिखाया तो ६ महीने से वह मनोपाज का इलाज करता रहा जब दूसरे डा . को दिखाया तो मालूम हुआ कि उनके गठिया है और कूल्हे , घुटने में गठिया फ़ैल चुकी है .
२ – मि. शर्मा को एक महीने से बुखार है . डा . टाईफाईड का इलाज करता रहा . जब वह ठीक नहीं हुए तो दूसरे डा . के पास गए जब टेस्ट हुए तो जो रिपोर्ट आई वह धमाके वाली थी उन्हें ब्लड कैंसर निकला .
३ – हमारे पडौसी के यहाँ लडकी ने जन्म लिया जब पैदा होने के दूसरे दिन बेटी को दौरे पड़ने जैसे झटके आने लगे उसे डा . को दिखाया तो आइ .सी . यू में शिफ्ट कर दिया . आइ . सी यू में शिफ्ट करने वाले दिन शाम को बेटी की दादी आयीं . दादी की निगाह बच्ची की नाभि पर पड़ी तो देखकर हैरान रह गयीं उसकी नाभि पर चींटी लगी हुई थीं जब वह काटती तो बच्ची बिलबिला जाती .
. इस लेख को लिखने का मकसद आरक्षण प्राप्त सीट लेकर दिल दुखाने का हरगिज नहीं है लेकिन कहते हैं न — ”दूध का जला छाछ फूंक फूंककर पीता है ”. दुःख की बात यह है की इस घटना में जितने भी डा. हैं वे आरक्षण प्राप्त डा . हैं . कुछ ऐसी और भी घटनाएँ हैं . जनता जब किसी डा . के पास जाती है तो उसकी निगाह में डा . , डा . ही होता है उसने एम् .बी बी एस कहाँ से या कैसे किया है इस चीज से मतलब नहीं होता . सवाल यह नहीं है कि SC ,ST,OBC वालों को डा . या अधिकारी नहीं होना चाहिए जरुर होना चाहिए लेकिन काबलियत के बल पर . ये बड़ी अजीब बात है कि सामान्य वर्ग के छात्र १००० सीट पर भी रह जाते हैं और SC,ST,OBC वालों को १ लाख रैंकिग पर भी नौकरी मिल जाती हैं . चलो यहाँ तक भी ठीक है . सामान्य वर्ग का छात्र ज्यादा मेहनत करके नौकरी पा लेगा पर कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट का आर्डर आया था कि ” प्रमोशन में आरक्षण नहीं होगा ”. कुछ नेताओं ने इस फैसले के खिलाफ रिव्यू ले लिया है पर मैं इन नेताओं से पूंछना चाहूँगी कि इनके लिए काबलियत पहले है या आरक्षण खुद तो इलाज कराने विदेशों में भाग जाते हैं और भुगतने के लिए जनता को छोड़ देते हैं . अगर इन आरक्षण प्राप्त बिदयार्थियों में इतनी ही काबलियत है तो ये उनसे अपना इलाज क्यों नहीं करवाते हकीकत ये लोग भी जानते हैं . पर ये नेता भी बेचारे क्या करें वोटों की राजनीति का चक्कर जो ठहरा अगर ये प्रमोशन में आरक्षण का मुद्दा नहीं बनायेंगे तो इनसे वोट कैसे लेंगें ? यह कहाँ का न्याय है कि जो काबिल बच्चे हैं उन्हें पीछे कर दो . सबसे पहले तो हमारे देश में आरक्षण ही गलत है जिसमें काबलियत है वो आगे आये . इस आरक्षण के चक्कर में काबिल छात्र विदेशों की तरफ रुख कर रहे हैं जिससे हमारे देश का ही नुकसान हो रहा है . जब सब जातिवर्ग एक समान हैं तो इन्हें हर क्षेत्र में दीन और हीन क्यों साबित करने पर तुले हुए हैं . अगर उनके अंदर काबलियत है तो आगे आओ , आगे बढने से उन्हें कौन रोकता है ? इन्हें ऊपर उठाना है तो और भी रास्ते हैं स्कूली शिक्षा , कालिज शिक्षा फ्री कर दो . कापी किताबें समय पर मिलती नहीं यूनिफार्म बेकार कपड़े की मिलती है सरकारी स्कूलों की स्थिति पर ध्यान दो सरकारी स्कूलों में भी पब्लिक स्कूलों जैसी सुविधा मुहिया करवाओ सरकारी स्कूलों में गुणी अध्यापक रखो , फ्री अच्छे कोचिंग सेंटर खुलवाओ .उन्हें इस काबिल बनाओ ताकि वे अपनी काबलियत के बल पर दुनिया से टक्कर ले सकें .तब तो कुछ बात बने भी हम सभी कह सकें कि सरकार sc,st,obc वालों की बहुत हमदर्दी रखती है . ये नेता लोग जहाँ ध्यान देने की जरूरत है वहाँ तो ध्यान देते नहीं और अपने स्वार्थ के लिए काबलियत को पीछे करने में लगे हुए हैं . प्रमोशन में आरक्षण को बढ़ावा देना इन नेतागणों द्वारा अपने देश की किस्मत के साथ खेल जैसा ही है .
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